Uttarakhand News: शुक्रवार को पूर्वाह्न लगभग 10:45 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश नेपाल रहा। जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने में 7.2 थी। जिलाधिकारी ने तत्काल जिला कंट्रोल रूम पहुंचकर घटना की जानकारी लेने और आपदा प्रबंधन आईआरएस की टीम को घटना स्थल की ओर रवाना होने के निर्देश दिए।
भूकंप के कारण जीआईसी चंपावत में कुल 12 लोग घायल हुए जिसमें एक स्टाफ महिला तथा 11 छात्र छात्राएं थे। जिसमें 10 सामान्य घायल हुए तथा दो गंभीर घायल थे। जिन्हें तत्काल रेस्क्यू करने के उपरांत जिला चिकित्सालय चंपावत में भर्ती का उपचार किया गया। तथा जीआईसी लोहाघाट में कुल 21 लोग घायल हुए। जिसमें एक स्टाफ तथा तीन अध्यापक व 17 छात्र छात्राएं घायल हुए। जिसमें 16 सामान्य घायल तथा पांच गंभीर घायल हुए। घायलों को रेस्क्यू कर उप जिला चिकित्सालय लोहाघाट में भर्ती कर उपचार किया गया। वही एन एच 09 स्वाला में भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हो गया जिसमें 80 वाहन सवारियों सहित तथा एन एच 09 संतोला में 35 वाहन सवारियों सहित के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई।
भूकंप की सूचना प्राप्त होते ही जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में जिलाधिकारी अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं अपर जिलाधिकारी/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा समस्त जिला स्तरीय अधिकारी एवं आईआरएस में नामित अधिकारी उपस्थित हुए। जिला अधिकारी के निर्देशानुसार तत्काल आईआरएस एक्टिव किया गया। आईआरएस टीम को 5 भाग कमांड स्टाफ, ऑपरेशन सेक्शन, प्लानिंग सेक्शन, लॉजिस्टिक एवं फाइनेंस सेक्शन में बांटा गया है। उपरोक्त घटना स्थलों हेतु स्टेजिंग एरिया गोरल चौड़ मैदान से पुलिस एसडीआरएफ एनडीआरएफ, आईटीबीपी एसएसबीआर्मी तथा अन्य विभागों की टीम रवाना की गई। इसमें गिरे हुए विद्यालय भवन के भीतर पहुंच बनाने तथा लोगों को निकालने के बाद मेडिकल टीम द्वारा घायलों का त्वरित उपचार किया गया। चिकित्सकों द्वारा बिना देरी किए हुए घायलों का उपचार कर गंभीर घायलों को तत्काल 108 एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई तथा अन्य सड़क एजेंसिओं द्वारा अवरुद्ध सड़क मार्ग को सुचारु किये जाने हेतु तत्काल कार्यवही की गई। जिस हेतु जेसीबी ऑपरेटर, पोकलैंड, लोडर तथा मैनपॉवर लगाए गए तथा अवरुद्ध मार्ग को आवागमन हेतु सुचारु किया गया।
विद्युत विभाग द्वारा भूकंप ग्रसित स्थल पर पहुंचकर विद्युत व्यवस्थाए सामान्य की गई। वहीं पेयजल विभाग द्वारा स्टेजिंग एरिया में पेयजल की व्यवस्था की गई। सभी एजेंसियों ने आपसी तालमेल एवं समन्वय से राहत एवं बचाव कार्य को पूरा किया।
यह दृश्य है उत्तराखंड के चम्पावत जिले में हुए मॉक ड्रिल की। जो जिलाधिकारी नवनीत पांडे के निर्देशन में आईआरएस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ने भूकंप के दौरान खोज बचाव का पूर्वाभ्यास किया। मॉक ड्रिल के दौरान भूकंप से क्षतिग्रस्त स्कूल के भवन से छात्र-छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा ऐसे मॉक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपदा में घायल व चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, तथा जान माल की हानि को कम से कम करने के साथ ही सभी रिस्पांस एजेंसियों का रिस्पॉन्स चेक करना है।
मॉक एक्सरसाइज में पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, 15वीं एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अजय पंत, असिस्टेंट कमांडेंट एसएसबी करण चौहान, उप जिलाधिकारी लोहाघाट रिंकु बिष्ट, उप जिलाधिकारी पाटी नितेश डांगर, डीडीएमओ देवेंद्र पटवाल सहित आईआरएस में नामित समस्त अधिकारी, पुलिस, एनडीआरएफ, एसएसबी के जवान तथा वालिंटियर उपस्थित रहे