Buransh Flower “बुराँश: पहाड़ों की आत्मा”

Buransh Flower: बसंत ऋतु के आगमन के साथ खिलने वाला यह जंगली फूल ‘बुरांश’ आकर्षक और औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में इसका विशेष महत्व है। बुरांश के फूल गहरे लाल, गुलाबी, या सफेद रंग के होते हैं और वसंत ऋतु में खिलते हैं, जिससे पहाड़ों की सुंदरता बढ़ जाती है।

उत्तराखण्ड के हरे-भरे जंगलों के बीच चटक लाल रंग के बुरांश के फूलों का खिलना पहाड़ में बसंत ऋतु के यौवन का सूचक है। बसंत के आते ही इन दिनों पहाड़ के जंगल बुरांश के सूर्ख लाल फूलों से मानो लद गये है। बुरांश बसन्त में खिलने वाला पहला फूल है। बुरांश के फूलने से प्रकृति का सौंदर्य मानो निखर उठा है।

Buransh Flower

बुरांश जब खिलता है तो पहाड़ के जंगलों में बहार आ जाती है। जब बुराँश के पेड़ लाल फूलों से ढक जाते है तो ऐसा आभास होता है कि मानो प्रकृति ने लाल चादर ओढ़ ली हो। उत्तराखण्ड के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में बुराँश की महत्ता महज एक पेड़ और फूल से कहीं बढ़कर है। बुराँश उत्तराखण्ड के लोक जीवन में रचा-बसा फूल है। बुराँश महज बसंत के आगमन का सूचक नहीं है, बल्कि सदियों से लोक गायकों, लेखकों, कवियों, घुम्मकड़ों और प्रकृति प्रेमियों, हिमालय प्रेमियों की प्रेरणा का स्रोत रहा है। बुराँश उत्तराखण्ड के हरेक पहलु के सभी रंगों को अपने में समेटे है। तभी तो यहां के लोकगीत कारों ने अपने लोकगीतों में प्रमुखता से स्थान दिया है।

Buransh Juice Benefits

बुरांश के उपयोग और लाभ: स्वास्थ्य लाभ: बुरांश के फूलों का रस (जूस) दिल की बीमारियों में लाभकारी होता है। यह ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने और थकान दूर करने में सहायक है। इसका उपयोग खांसी, बुखार और पेट की समस्याओं में किया जाता है। बुरांश की कई प्रजातियां हैं, जो रंग, आकार, और ऊंचाई के आधार पर अलग-अलग होती हैं। हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले बुरांश सामन्यतः इसकी तीन प्रमुख किस्मों के लिए प्रसिद्ध हैं।

  1. लाल बुरांश यह सबसे आम और पहचानने योग्य प्रकार है। फूल गहरे लाल रंग के होते हैं। इसे औषधीय और शीतल पेय (शरबत) बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। यह 1500 से 3500 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है।
  2. गुलाबी बुरांश इसके फूल हल्के गुलाबी या बैंगनी रंग के होते हैं। यह अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों (3000 मीटर से अधिक) में पाया जाता है। इस प्रजाति का उपयोग पारंपरिक दवाइयों में होता है।
  3. सफेद बुरांश इसके फूल सफेद रंग के होते हैं, जो दुर्लभ माने जाते हैं। यह 2500-4000 मीटर की ऊंचाई पर उगता है। इसे सांस्कृतिक और औषधीय रूप से बहुत महत्व दिया जाता है।

अन्य प्रकार हिमालय के बाहर सुनहरी बुरांश छोटे आकार का, पीले या सुनहरी फूलों वाला। लाल-नारंगी रंग के फूलों के साथ। गहरे बैंगनी रंग का और औषधीय गुणों से युक्त। प्रजातियों का महत्व बुरांश की विभिन्न प्रजातियां न केवल पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान करती हैं, बल्कि इनके औषधीय गुण, पारंपरिक उपयोग, और सौंदर्य के कारण इन्हें हिमालयी लोक संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।


बुराँश केवल एक पौधा नहीं, बल्कि प्रकृति का एक अनमोल उपहार है। इसकी सुंदरता और उपयोगिता मानव जीवन और पर्यावरण के लिए अविस्मरणीय है। हिमालय की यात्रा करने वाले हर व्यक्ति को बुराँश के फूलों का सौंदर्य अवश्य देखना चाहिए और इसके संरक्षण के लिए प्रयास करने चाहिए।

Credit : Vijay Negi

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